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बीकानेर में इन दिनों डेंगू के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स के रिक्त पदों पर भर्ती करने के बजाय राज्य सरकार ने बीकानेर के सौ से ज्यादा डॉक्टर्स को कार्यमुक्त कर दिया हे। पीबीएम हॉस्पिटल के कई विभागों के साथ ही सेटेलाइट हॉस्पिटल में काम कर रहे जूनियर रेजिडेंट्स को दो दिन पहले राज्य सरकार ने कार्यमुक्त करके घर भेज दिया। वहीं जयपुर ओर जोधपुर में कार्यमुक्त हुए डॉक्टर्स को वापस काम पर बुला लिया गया।

दरअसल, बीकानेर में जूनियर रेजिडेंट्स पदों पर एक सौ दस एमबीबीएस डॉक्टर्स को पदस्थापन दिया गया था। पूरी तरह से अस्थायी इन पदों पर 3 महीने के लिए ही भर्ती की गई थी। 3 महीने पूरे होने पर इन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया। इस बीच बीकानेर में डेंगू और मलेरिया के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। पीबीएम हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में तो एक बिस्तर पर दो-दो मरीज भर्ती करने की स्थिति है। हर वक्त रेजिडेंट डॉक्टर्स की जरूरत है लेकिन अब बढ़ने के बजाय अब डॉक्टर घट गए हैं। जिला हॉस्पिटल में भी मौसमी बीमारियों के रोगी बढ़े हैं लेकिन डॉक्टर्स यहां भी कम हो गए।

जयपुर-जोधपुर में बढ़ी अवधि

बीकानेर के साथ ही जयपुर और जोधपुर में भी जूनियर रेजिडेंट्स पद पर डॉक्टर्स लगाए गए थे। इनकी अवधि भी दस अक्टूबर को खत्म हो गई लेकिन इनकी समय अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाकर दिसम्बर तक बढ़ा दी गई है। इस संबंध में सोमवार को ही स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिए लेकिन बीकानेर में ये अवधि नहीं बढ़ी है। राज्य सरकार ने जयपुर के 210 और जोधपुर के 75 डॉक्टर्स की कार्य अवधि तीन महीने बढ़ा दी गई है।

आज बात करेंगे प्रिंसिपल

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी ने दैनिक भास्कर को बताया- जयपुर और जोधपुर में अवधि बढाई गई है। बीकानेर के संबंध में आज मुख्यालय पर बात की जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि बीकानेर में भी तीन महीने की अवधि बढ़ जाए। फिलहाल इन सभी को कार्यमुक्त किया गया है।

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