कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने दावा किया है कि उन्हें और उनकी विधायक बेटी परिणीति शिंदे को बीजेपी में शामिल होने का न्योता मिला था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के प्रति निष्ठावान हैं और अपनी पार्टी नहीं छोड़ेंगे। शिंदे ने यह दावा मंगलवार को सोलापुर जिले के अक्कलकोट तहसील में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए किया। हालांकि, बीजेपी का कहना है कि शिंदे और उनकी बेटी को पार्टी में शामिल होने के लिए कोई पेशकश नहीं की गई है।
सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि परिणीति ताई और मुझे बीजेपी की ओर से पेशकश की गई लेकिन यह कैसे (पार्टी बदलने के संदर्भ में) संभव है? मैंने अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस में बिताई है और यह कैसे संभव है कि किसी दूसरे के घर में जाऊं। मैं कभी दल-बदल में नहीं पड़ा। कार्यक्रम के बाद जब संवाददाताओं ने शिंदे से पूछा कि उन्हें किसने बीजेपी में शामिल होने की पेशकश की तो उन्होंने उनका नाम बताने से इनकार करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने पेशकश की, वह एक बड़ा आदमी है।
शिंदे के दावे का खंडन करते हुए बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने एक समाचार चैनल से कहा कि शिंदे और उनकी बेटी को बीजेपी में शामिल होने की कोई पेशकश नहीं की गई है। इस बीच, राज्य सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने सोलापुर शहर में शिंदे के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। पाटिल सोलापुर के प्रभारी मंत्री भी हैं।
सूत्रों ने बताया कि पाटिल की शिंदे से मुलाकात आगामी साहित्य सम्मेलन के लिए न्योता देने की खातिर थी। सुशील कुमार शिंदे 2003 से 2004 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौरान वह ऊर्जा और गृह मंत्री थे। उनकी बेटी परिणीति तीसरी बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य हैं। वह सोलापुर मध्य सीट से विधायक हैं।