ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को आज सोमवार (29 जनवरी) को वाराणसी ज्ञानवापी के मूल परिसर (विवादित क्षेत्र) का परिक्रमा करना था, जिसके लिए वह निर्धारित समय पर अपने विद्यामठ से अन्य श्रद्धालुओं के साथ निकले। तभी वहां मौजूद भारी संख्या में पुलिस बल द्वारा उन्हें रोका गया और कहा गया कि इस परिक्रमा के लिए उनके पास अनुमति नहीं है। पुलिस ने कहा परिसर से जुड़ा मामला न्यायालय में भी है और परिक्रमा को लेकर उनके पास कोई भी अनुमति नहीं है इसलिए वह नहीं जा सकते। इस दौरान शंकराचार्य ने कहा कि हम लंबे समय से परिक्रमा बिना सुरक्षा घेरा के पूर्ण करते आ रहे हैं। यह कोई नई प्रथा नहीं हैं लेकिन हम अनुमति लेकर ही सही, वहां जरूर परिक्रमा पूर्ण करेंगे।
काशी के मूल ज्ञानवापी परिसर का जैसे ही परिक्रमा करने के लिए सोनारपुर स्थित विद्यामठ से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बाहर निकले पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें रोका गया। उनसे कहा गया कि क्षेत्र में धारा 144 लागू है और उनके पास अनुमति नहीं है। इसलिए वह नहीं जा सकते, इसके बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि प्राचीन समय से यह परिक्रमा पूरी करते आ रहे हैं। यह कोई नई प्रथा नहीं है लेकिन अगर आप हमसे अनुमति मांग रहे हैं तो अनुमति के लिए प्रक्रिया पूर्ण कर ले रहे हैं और उसके बाद हम अवश्य परिक्रमा करेंगे।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ABP से बातचीत में कहा कि प्राचीन समय से हम काशी ज्ञानवापी के मूल परिसर के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। और यह परंपरा में रहा है कि हम परिसर का परिक्रमा करते हैं। हम लगातार परिसर के परिक्रमा के लिए मांग कर रहे थे। अब तो हमने यहां तक कह दिया कि जहां से सामान्य लोग जाते हैं वहां से ही हम अपनी परिक्रमा को पूर्ण करेंगे। लेकिन हमें वहां से जाने से रोका गया और कहा गया कि वहां पर धारा 144 लगा है। हम दो लोगों के साथ भी जाने के लिए तैयार हैं। हम अभी तुरंत अनुमति के लिए आवेदन प्रक्रिया कार्यालय के माध्यम से पूर्ण कर रहें हैं। हम चाहते हैं कि परिक्रमा के लिए अनुमति प्रदान की जाए, इस दौरान सोनारपुर का विद्यामठ क्षेत्र पूरी तरह छावनी में तब्दील रहा।