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प्रदेश की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के मामलों की जांच कराने के लिए भजनलाल सरकार ने एक हाईपावर कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमेटी गहलोत राज के कार्यकाल के केवल अंतिम 6 महीने में लिए फैसलों की नहीं बल्कि पिछले पांच साल में लिए गए कई फैसलों की भी जांच करेगी। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने कई फैसलों पर सवाल उठाते हुए गहलोत शासन के फैसलों के खिलाफ सवाल उठाए थे। अब उन सभी फैसलों को जांच के दायरे में रखते हुए जांच कराने का निर्णय लिया गया है।

तीन महीने से सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी

गहलोत राज में लिए गए कई फैसलो की जांच के लिए भजनलाल सरकार ने 4 मंत्रियों की कमेटी का गठन किया है। कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को इस कमेटी का संयोजक बनाया गया है। साथ ही संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, खाद्य, नागरिक एवं आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा और पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री मंजू बाघमार को कमेटी का सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी तीन महीने में रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी।

6 माह के सभी फैसलों की समीक्षा, अन्य मामले भी जांच के दायरे में

चार सदस्यों की यह कमेटी गहलोत राज के 1 अप्रैल 2023 से लेकर 14 दिसंबर 2023 तक के सभी फैसलों की समीक्षा करेगी। साथ ही पूरे पांच साल में नॉन बीएसआर रेट पर हुए सभी कार्यों की भी जांच होगी। इनमें कई लोक लुभावनी योजनाएं शामिल है। जैसे मुफ्त मोबाइल, मुफ्त राशन, ग्रामीण और शहरी ओलंपिक योजनाएं आदि। गहलोत राज के पूरे पांच साल में नॉन बीएसआर रेट पर हुए सभी कामों की जांच होगी।

अरबों रुपए के घोटालों की शिकायतों का ज्ञापन दिया सीएम को

पिछले दिनों पूर्व विधायक धन सिंह रावत सहित कई मंत्रियों और भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन दिया था। गहलोत राज में मंत्री रहे अनेक विधायकों सहित मौजूदा विधायक अर्जुन सिंह बामनिया पर अरबों रुपए के घोटाले किए जाने के आरोप लगाए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री को कई सबूत भी उपलब्ध कराए गए।

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