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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह – फोटो : सोशल मीडिया

हिंसाग्रस्त मणिपुर के हालात बिगाड़ने में विदेशी ताकतों की साजिश के दावों के बीच केंद्र सरकार ने सीमा को सुरक्षित करने को लेकर बड़ा फैसला किया है। सरकार भारत की सीमा की बाड़ेबंदी करने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की सीमाओं को अभेद्य बनाने को लेकर बड़ा एलान किया है। 

यह कदम भारत-म्यांमार सीमा पर प्रचलित मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त कर सकता है। एफएमआर के तहत भारत-म्यांमार सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति दी जाती है। 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमा सीमा मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है, जहां एफएमआर लागू है। इसे 2018 में भारत की एक्ट ईस्ट नीति के हिस्से के रूप में लागू किया गया था।

सरकार देश की सीमा को अभेद्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश की सीमा को अभेद्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए सरकार ने पूरी 1643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया है। बेहतर निगरानी के लिए सीमा पर एक गश्ती ट्रैक भी बनाया जाएगा।

मोरेह में 10 किमी तक पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी

उन्होंने कहा कि सीमा की कुल लंबाई में से मणिपुर के मोरेह में 10 किमी तक पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है। इसके अलावा हाइब्रिड सर्विलांस सिस्टम (एचएसएस) के माध्यम से बाड़ लगाने की दो पायलट परियोजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इसके तहत अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में प्रत्येक एक किमी की दूरी पर बाड़ लगाए जाएंगे। इसके अलावा मणिपुर में लगभग 20 किलोमीटर तक बाड़ लगाने के काम को भी मंजूरी दे दी गई है और काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।

मैतेई समूह की थी मांग

सीमा पर बाड़ लगाना इंफाल घाटी के मैतेई समूहों की लगातार मांग रही है। उनका आरोप रहा है कि आदिवासी उग्रवादी अक्सर खुली सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश करते हैं। यह भी आरोप है कि बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा का फायदा उठाकर भारत में मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही है।

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