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नत्थूसर गेट बाहर स्थित मां आशापुरा मंदिर बुधवार को जयकारों से गूंज उठा। मौका था सहस्त्रचंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति का। इस अवसर पर मंदिर में नवनिर्मित हॉल का लोकार्पण किया गया। साथ ही भामाशाहों का सम्मान भी हुआ। मंदिर परिसर में चल रहे 51 सहस्त्र चण्डी महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। पंडि़त राजेन्द्र किराडू के आचार्यत्व में 51 वैदिक ब्राह्मणों ने यज्ञ में प्रतिदिन 101 भगवती के पाठ व दस पाठ के मंत्रो के साथ आहुतियां दी गई। पूर्णाहुति पर महाआरती कर मां आशापुरा की प्रतिमा का अलौकिक श्रृंगार किया गया। साथ ही छप्पन भोग का मनोरथ हुआ। कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों ने कहा कि समर्पित भाव से मंदिर निर्माण के लिए किया गया योगदान अनुकरणीय है। इन भामाशाहों ने हमेशा ही धार्मिक व सामाजिक कार्यों के लिए जो कार्य किया है। वो आने वाली पीढ़ी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसके के लिए यह सभी सभी साधूवाद के पात्र है। इस मौके पर मगनलाल चांडक ने सभी का स्वागत किया। पुजारी नरसिंह व्यास ने आभार जताया। संचालन विष्णु कुमार बिस्सा ने किया।
हुआ भामाशाहों का सम्मान…
देवीकुंड सागर स्थित श्री ब्रह्म गायत्री आश्रम के अधिष्ठाता पंडि़त रामेश्वरानंद महाराज, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका,समाजसेवी राजेश चूरा व जयचंद लाल डागा सहित अतिथियों ने भामाशाहों का सम्मान किया। इसमें पुरूषोत्तम पुगलिया,भागीरथ चांडक,देवकिशन चांडक,गणेश बोथरा,मदनमोहन बृजमोहन चांडक,राजकुमारी चांडक,जितेन्द्र भाटी,चन्द्रमोहन मूंधड़ा,हनुमानदास चांडक,रामनारायण चांडक,गुलाबचंद बिस्सा,अरूण ओझा,रामचंद्र भाटी,श्रीराम चांडक,नंदकिशोर चांडक,प्रभात चांडक,मोतीलाल चांडक,बजरंगलाल तापडिय़ा,सांवर गहलोतकेवल चंद,विजयशंकर,भगवान दास करनाणी,गोविन्द राज,सुशीलादेवी,एम डी व्यास,अरूणा व्यास,सुशील कच्छावा,जोगेन्द्र माली,इन्दु माली,गोपाल कोठारी,विजय गोपाल राठी,सत्यानारायण माली,पंकज व्यास,आनंद पुरोहित,भैरू बिस्सा,विनोद सिंह,रमेश चांडक,जयनारायण सोनी,लक्ष्मीनारायण,रामेश्वर तापडिय़ा,चोरूलाल,मनीष सोनी,संतोष डागा,राधाकिशन चांडक,सत्यनारायण चांडक,भगवानदास,शिवकुमार ओझा,बुलाकीदास,श्रीचंद डागा,हनुमान दास,पूनमचंद सोनी,कन्हैयालाल सोनी,मोहन सोलंकी का सम्मान किया गया। इस अवसर पर महावीर रांका व जयचंद लाल डागा को भी भामाशाह के रूप में सम्मानित किया गया।