सीमावर्ती बीकानेर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में कई जनप्रतिनिधि ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने विधानसभा पहुंचने के लिए न केवल दो या दो से अधिक बार पार्टियां बदली, बल्कि चुनावी रण में उतर जीत भी दर्ज की है। इनमें मानिक चंद सुराणा, देवी सिंह भाटी, चुन्नी लाल इंदलिया, रेंवतराम पंवार, गोपाल कृष्ण जोशी व गोविन्द राम जैसे नेता शामिल रहे हैं।
मानिक चंद सुराणा- पांच बार बने विधायक, तीन पार्टियां बदली
वरिष्ठ नेता और मंत्री रहे मानिक चंद सुराणा अपने राजनीतिक जीवन में प्रजा समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी, भाजपा सहित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप मेें चुनाव मैदान में उतरकर जीत हासिल कर चुके है। सुराणा पांच बार विधानसभा में पहुंचे। कोलायत व लूणकरनसर विधानसभा क्षेत्रों से विधायक चुने गए।
चुन्नीलाल इदलिया- चार बार बने विधायक, तीन पार्टियां बदली
नोखा विधानसभा क्षेत्र से चुन्नी लाल इंदलिया चार बार विधानसभा में पहुंचे। पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। फिर तीन बार दल बदले। कांग्रेस, जनता पार्टी और जनता दल के टिकट से विधायक चुने गए व विधानसभा में पहुंचे।
देवी सिंह भाटी -सात बार बने विधायक, चार बार दल बदले
कोलायत विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक चुने गए देवी सिंह भाटी मंत्री भी रह चुके है। पहले व दूसरे चुनाव में जनता पार्टी के टिकट से विधायक चुने गए। भाटी ने जनता दल, सामाजिक न्याय मंच और भाजपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरकर जीत हासिल की और विधानसभा में पहुंचे।
गोपाल कृष्ण जोशी- तीन बार बने विधायक, दो दल बदले
बीकानेर शहर विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1972 में पहली बार गोपाल कृष्ण जोशी कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे व जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे। करीब 31 साल बाद 2008 में भाजपा के टिकट से बीकानेर पश्चिम सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद 2013 में भी भाजपा की टिकट पर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की।
रेवंतराम पंवार -भाजपा व कांग्रेस दोनों से रहे एमएलए
नोखा विधानसभा क्षेत्र से रेवंतराम पंवार दो बार विधायक रहे हैं। पहली बार वे भाजपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे व जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे। दूसरी बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल कर एमएलए बन गए। और अब रालोपा में शामिल होकर कोलायत से फिर ताल ठोक चुके हैं।
गोविन्दराम मेघवाल- दल व क्षेत्र बदला, सफल भी हुए
कैबिनेट मंत्री गोविंदराम नोखा और खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंच चुके हैं। पहली बार नोखा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे व जीत हासिल की। फिर खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे व विधानसभा में पहुंचे।