500 साल बाद अपने जन्मस्थल पर विराजे प्रभु श्रीराम के सुर्याभिषेक का नजारा बेहद ख़ास और अलौकिक रहा। एक और आज देशभर में रामनवमी मनाई जा रही है। वहीं, अवधपुरी में 500 साल बाद रामलला के जन्मोत्सव पर माहौल राममय है। इस खास पावन अवसर पर रामलला के जन्मोत्सव पर रामलला का सूर्याभिषेक किया गया। सूर्य ने स्वयं अपनी किरणों के द्वारा रामलला का सूर्याभिषेक किया। राम नवमी के इस खास मौके पर अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के मस्तक पर सूर्य अभिषेक का अलौकिक, अनोखा, सूर्यदेव और प्रभु राम के मिलन का अद्भुत नजारी देखने को मिला।
अध्यात्म और विज्ञान के अनोखे सामंजस्य से सुर्याभिषेक के पल अविस्मर्णीय बन गए। प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी मनाई जा रही है। ऐसे में अयोध्या में सुबह से भक्तों का सैलाब देखने को मिल रहा है। जय श्री राम के जयकारों से राम की नगरी गुंजायमान है। भारी संख्या में भक्त इस समय मंदिर में एकत्रित हैं। लगातार मंगलगीत, भजन, कीर्तन और जयघोष हो रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इस पर की गई रिसर्च के आधार पर आईआईटी रूडकी के छात्रों ने इसके लिए सिस्टम विकसित किया है। जिसका बीते दिनों ट्रायल भी किया गया जो सफल रहा था। अब रामनवमी के दिन जब भगवान राम का जन्मदिन मनाया गया। उस दौरान सूर्य की किरणों के द्वारा रामलला का सूर्याभिषेक हुआ।