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Rajasthan Election: बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सिद्धि कुमारी की ओर से नामांकन पत्र में दर्शाई सम्पत्तियों को लेकर उनकी बुआ राज्यश्री कुमारी ने आपत्ति दर्ज कराई है।

Rajasthan Assembly Election 2023 : बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सिद्धि कुमारी की ओर से नामांकन पत्र में दर्शाई सम्पत्तियों को लेकर उनकी बुआ राज्यश्री कुमारी ने आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने शपथ पत्र के माध्यम से रिटर्निंग अधिकारी को भेजी लिखित आपत्ति में बताया कि सिद्धि कुमारी की ओर से नामांकन फॉर्म में दिया गया पैतृक सम्पत्ति का विवरण गलत है। सही तथ्यों को छुपाया गया है। कई सम्पत्तियां विवादग्रस्त हैं। इनके विभिन्न न्यायालयों में वाद चल रहें हैं। जिसका हवाला नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि विवादित सम्पत्तियां सिद्धि कुमारी के अकेले स्वामित्व की नहीं हैं। राज्यश्री कुमारी ने आपत्ति के साथ सिद्धि कुमारी के खिलाफ न्यायोचित कार्रवाई की बात कही है। बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर राज्यश्री कुमारी की ओर से प्रस्तुत आपत्तियों को सार्वजनिक चस्पा किया गया है। संबंधित पोर्टल पर भी शिकायत अपलोड की गई है। गौरतलब है कि सिद्धि कुमारी की ओर से नामांकन पत्र के साथ दिए शपथ पत्र में 100 करोड़ से अधिक सम्पत्ति बताई थी।

शपथ पत्र के साथ बताई यह आपत्तियां
शपथ पत्र के साथ आरओ को दी लिखित आपत्ति के अनुसार, वाणिज्यिक भवन प्राचीना के संबंध में न्यायालय में विचाराधीन मामले में राज्यश्री कुमारी ने इसमें अपना एक चौथाई अविभाजित हिस्सा होना क्लेम कर रखा है। यह सम्पत्ति रिहायशी है। इसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सिद्धि कुमारी ने राजमाता सुशीला कुमारी की कथित वसीयत के आधार पर कई चल अचल सम्पत्तियां अपनी बताई है। कथित वसीयत मुम्बई में निष्पादित होना बताई है। इस संबंध में विधिक रूप से सक्षम न्यायालय द्वारा प्रोबेट लिया जाना आवश्यक है। इसके बिना उन्हें कोई साम्पतिक अधिकार प्राप्त नहीं होते। माउंट आबू की अचल सम्पत्ति के संबंध में भी न्यायालय में दावा विचाराधीन है। करणी भवन की सम्पत्ति भी वसीयत से प्राप्त होना बताया है। जबकि इसका दावा भी न्यायालय में लंबित है। इसे रिहायशी बताया है जबकि यहां होटल चल रहा है। शिकायत में बताया कि सिद्धि कुमारी ने अन्य चल सम्पत्तियां एफडीआर, शेयर्स आदि पैतृक रूप से जरिए वसीयत अपनी होना दर्शाया है। जबकि यह भी विवादित है।

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