Mon. Dec 23rd, 2024

नोखा. राजकीय जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से मरीजों को सोनोग्राफी सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। अस्पताल में मशीन होने के बावजूद बाहर से सोनोग्राफी करानी पड़ रही है और निजी सोनोग्राफी सेंटर चांदी कूट रहे हैं। गर्भवती महिलाएं व अन्य मरीजों को निजी सोनोग्राफी सेंटर पर 600 से 800 रुपए तक वसूल कर रहे हैं। जिला अस्पताल में करीब छह माह से सोनोलॉजिस्ट का पद खाली चल रहा है, जिससे अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन धूल फांक रही है।

अस्पताल प्रशासन ने एक बार तो सोनोलॉजिस्ट से सोनोग्राफी सुविधा को शुरू कराया था। बाद में उनका तबादला होने पर सोनोग्राफी को बंद कर दिया। अस्पताल में सोनोग्राफी सुविधा नहीं होने से रोगियों की जेब से हर महीनों रुपए लग रहे हैं। गरीब व जरुरतमंद परिवारों के लिए परेशानी का सबब बनी है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन का आउटडोर 800 मरीजों से ज्यादा का रहता है, लेकिन फायदा ना के बराबर ही मिल रहा है।

रोज 40-50 सोनोग्राफी

जिले में ग्रामीण अंचल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने की वजह से यहां डिलीवरी और इलाज के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के बड़ी संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं। हर दिन करीब 40-50 मरीजों की पर्ची पर सोनोग्राफी लिखी जाती है। मजबूरी में मरीजों को बाहर से सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है। सोनोग्राफी संचालक अपनी मनमर्जी से राशि वसूलते हैं। ऐसे में मरीजों ने शीघ्र जिला अस्पताल में सोनोग्राफी सुविधा को शुरु करवाने की मांग की, ताकि राहत मिल सके।

एनसी-डे को रहती भीड़

सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए सोमवार व शुक्रवार को एनसी-डे निर्धारित किया है। इस दिन गर्भवती महिलाओं का टीकारण व चेकअप किया जाता है, जिससे अस्पताल में भीड़ रहती है। गर्भवती महिला की सोनोग्राफी बाहर से ही करानी पड़ती है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के रुप में हर माह की 9,18 व 27 तारीख तय की हुई है। इस दिन गर्भवती महिलाओं की निशुल्क सोनोग्राफी होनी होती है।

इसके लिए जिला अस्पताल की ओर से एक निजी सेंटर को निर्धारित किया है और उसको प्रति सोनोग्राफी 200 रुपए की राशि दी जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *