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बीकानेर, 1 सितंबर। एक बेहतरीन फोटोग्राफर बनने के लिए कल्पना शक्ति और हर पल चौकन्ना रहने की आदत आवश्यक है। फिल्ड में रिपोर्टिंग के दौरान फोटोजर्नलिस्ट को घटनाओं को पहले से भांपने की क्षमता रखनी चाहिए। घटनाक्रम को सही समय पर कैमरे में कैद करना जरूरी है, क्योंकि एक बार घटना बीत जाने के बाद उसे वैसा ही दोबारा कैद करना संभव नहीं होता। बीकानेर के जाने-माने फोटो पत्रकार अजीज भूट्टा ने इन बातों पर जोर दिया। वे ‘फोटोग्राफी विद रिजन’ नामक विशेष सत्र में बोल रहे थे। अजीज भूट्टा ने प्रेस फोटोग्राफी की चुनौतियों पर बात करते हुए कहा कि एक फोटोजर्नलिस्ट को आंधी, तूफान, तीव्र धूप, या कड़कड़ाती ठंड जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी तैयार रहना चाहिए। साथ ही, उन्हें संपादक और न्यूज़ रिपोर्टर की मंशा को भी समझते हुए काम करना चाहिए, ताकि फोटो समाचार के संदर्भ में सटीक हो सके।

भूट्टा ने अपने अब तक के फोटोग्राफी अनुभवों और चुनिंदा प्रेस फोटो श्रृंखला को प्रतिभागियों के साथ साझा किया। उन्होंने फोटो क्लिक करते समय मन में चल रहे विचारों और निर्णयों का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार प्रेस फोटो का प्रकाशन राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक जीवन पर प्रभाव डाल सकता है।

फोटोग्राफी के तकनीकी पहलुओं पर भी भूट्टा ने विस्तार से चर्चा की, जिसमें लाइट और लेंस इफेक्ट से लेकर आधुनिक एआई तकनीक के उपयोग तक की जानकारी दी। उन्होंने पुराने तरीकों से तैयार की जाने वाली फोटो प्रक्रियाओं के संस्मरण भी सुनाए। इसके अलावा, उन्होंने बीकानेर की गंगा-जमुनी संस्कृति, हवेलियों, और पारंपरिक आयोजनों की फोटोग्राफी यात्रा भी प्रतिभागियों को करवाई, जिससे उन्हें बीकानेर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू होने का अवसर मिला।

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