बीकानेर, 5 अक्टूबर। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने देव जसनाथ की अवतरण स्थली डाबला तालाब में देव जसनाथ तलाई का उद्घाटन किया। इस दौरान शिक्षा राज्य मंत्री ने पौधारोपण किया तथा अधिक से अधिक पौधे लगाने व उनके संरक्षण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जसनाथ जी महाराज की शिक्षा पर चलना एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ जीव जन्तुओं की रक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी हैं। आने वाले समय में डाबला तालाब पर्यावरण तीर्थ के रूप में जाना जाएगा।
डॉ. श्यामसुंदर ज्याणी ने डाबला तालाब में किए गए कार्यों एवं रूपरेखा के बारे में अवगत करवाया। तथा समय समय पर होने वाले पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों में युवाओं को भाग लेने की अपील की।
देव जसनाथ संस्थागत वन मंडल अध्यक्ष बहादुरमल सिद्ध ने बताया कि जसनाथी समुदाय द्वारा यहां जारी हैबिटैट रेस्टोरेशन कार्यों का अवलोकन किया और जसनाथ जी की पर्यावरणीय शिक्षाओं के प्रसार हेतु आयोजित पारिवारिक वानिकी पंचायत में पश्चिमी राजस्थान के अलग-अलग ज़िलों से आए पर्यावरण प्रेमियों व स्थानीय समुदाय से संवाद किया।
इस अवसर पर देव जसनाथ संस्थागत वन मंडल अध्यक्ष बहादुरमल सिद्ध, श्री देव जसनाथ धर्मार्थ ट्रस्ट अध्यक्ष धन्ना नाथ सिद्ध, सिद्ध युवा महासभा अध्यक्ष भगवान नाथ सिद्ध, रुस्तम धोरा ट्रस्ट पोकर नाथ सिद्ध, सिद्ध समाज विकास समिति जयपुर अध्यक्ष मांगी नाथ सिद्ध ने सामूहिक रूप से तीन मांग रखी गई। अवतार भूमि डाबला तालाब को देव जसनाथ ओरण घोषित करवाने,
जसनाथ जी की शिक्षाओं को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करवाने तथा सिद्ध जाति को केंद्र में आरक्षण दिलवाने के लिए रखी मांगों के लिए केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने सकारात्मकता से लिया।
इस दौरान लिखमादेसर महंत भंवर नाथ, मालासर महंत रूघनाथ, वन मंडल के कोषाध्यक्ष बिशन नाथ, बीरबल नाथ, हंसराज सहित गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।