बीकानेर ! कल रविवार लक्ष्मीनाथ मन्दिर परिसर के सत्संग भवन में लक्ष्मीनाथ भक्त मंडल के तत्वावधान में लक्ष्मीनाथ जी के अन्नय भक्त दाऊलाल आचार्य “राधे-राधे ” की श्रद्धांजलि सभा एवं सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया। संवेदना से भरे कार्यक्रम में सैकड़ों की तादाद में दाऊजी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने वालों का तांता देर रात तक लगा रहा। कार्यक्रम में विजय आचार्य ने एक आध्यात्मिक मंडली के माध्यम से सत्संग-कीर्तन किया तत्पश्चात् सभी ने विचार रखें एवं दाऊजी के तेल चित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किएँ। श्याम सुन्दर आचार्य ऊर्फ गोगडू महाराज ने कहा कि दाऊ से मेरे मित्रवत संबंध थे। उसने मन्दिर परिसर में अपनत्व का एक नया उदाहरण पेश किया था। रंगा राजस्थानी राहुल ने बताया कि आज के आधुनिक युग कोई अपनी आधी तनख्वाह भगवान के प्रसाद में लगा देवें ऐसी समर्पित भक्ति का उदाहरण दाऊजी ने प्रस्तुत किया। आपने एक बार पुनः सुदामा के चरित्र को जीवंत कर दिया।लक्ष्मण पुरोहित ने विचार रखते हुए बताया कि दाऊजी लक्ष्मीनाथ मन्दिर की रौनक़ थे। हर आते-जाते भक्त को रोककर स्वयम् ही संवाद आरंभ कर देते है। सहज-सरल दाऊजी दरियादिली और प्रीत का विशिष्ट उदाहरण थे। गिरिराज हर्ष ने कहा कि दाऊजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर जितना कहा जाएँ उतना कम होगा। उम्र के इस दौर में भी पैदल रूणिचा धाम की यात्रा करना भी उनकी जुनूनी भक्ति की कहानी कहता है।रूपचंद सोनगरा ने कहा कि मैंने काफी बार आचार्य जी के संवाद को सुना है वें प्रायः भक्तों को प्रसाद वितरण करते वक्त कल क्यों नहीं आएं ? इसका कारण पूछते थे। अपणायत से भरा-भरा था उनका व्यक्तित्व।
दाऊजी की पा पारिवारिक उपस्थिति में ..
प्रेम रतन आचार्य ऊर्फ लालू ,प्रकाश आचार्य, विष्णु आचार्य, श्याम सुंदर उर्फ सोनू ,भगीरथ आचार्य ऊर्फ राजा (पाँच पुत्र) एवं राजकुमारी पुरोहित और रीना पुरोहित ( दो पुत्रियां) के साथ दुर्गादास,सांवरमल एवं लक्ष्मी नारायण व्यास ( तीन साले) एवं अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहें। मन्दिर परिसर से विजय उपाध्याय, रामगोपाल व्यास, प्रह्लाद सेवग,भंवरलाल पंवार, बाबू लाल सुथार, शिव सोलंकी, मनु टाक, बजरंग व्यास, मालाराम सारस्वत, रामबालक, सुशील छंगाणी, आज़ाद पुरोहित, धनेश पुरोहित, राजेश पुरोहित, चंद्र शेखर आचार्य, सुरेन्द्र माली, जयचंद अग्रवाल, मनोज सेवग, कमल बांठिया,प्रेम छंगाणी इत्यादि उपस्थित रहें।
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