बीकानेर @ पत्रिका. एमएन अस्पताल के जीआई सर्जरी विभाग में 12 वर्षीय मरीज के पित्त की दुर्लभतम बीमारी का सफल इलाज किया गया है। अस्पताल का दावा है कि राजस्थान में इस तरह का यह पहला मामला है। अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अली निर्बान ने बताया कि नागौर निवासी 12 वर्षीय मरीज को एक साल से पेट में दर्द और पीलिया की दिक्कत हो रही थी। अस्पताल में जांच करने पर पता चला कि वह ’कोलडोक्ल अट्रेसिआ ’ नाम की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी में मरीज की पित्त की नली जन्मजात नहीं थी और उसके स्थान पर पित्त का एक असामान्य रास्ता था।
इस कारण मरीज को बार-बार पीलिया हो रहा था। बीमारी की जटिलता को देखते हुए, मरीज को जीआई सर्जरी विभाग में डॉ आशीष स्वामी की देखरेख में भर्ती कराया गया। मरीज के पित्त की नई नली बनाने का ऑपरेशन डॉ आशीष स्वामी ने किया। एनेस्थीसिया विभाग के डॉ विजय पिथी, नर्सिंग स्टाफ न्यज़मीन और अफसाना ने सर्जरी में सहायता की। संस्थान के एमडी राजा बाबू निर्बाण ने कहा कि इस तरह की जटिल सर्जरी की बीकानेर में उपचार की उपलब्धि उल्लेखनीय है।
क्या है कोलडोक्ल अट्रेसिआ
कोलडोक्ल अट्रेसिआ जन्मजात होता है। यह बीमारी आमतौर पर शिशुओं में देखी जाती है, लेकिन एक करोड़ मामलों में से एक वयस्क में भी देखी जा सकती है। असामान्य पित्त के रास्ते को हटाने से लेकर पित्त की नई नली के लिए हेपॅटीको-जेजुनॉस्टॉमी नामक सर्जरी की गई। करीब 6 घंटे चले सफल ऑपरेशन के बाद मरीज को पांच दिन बाद छुटी दे दी गई।