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बीकानेर, 20 दिसंबर। ‘नवाचार बढ़ते भारत की सॉफ्ट पावर है।’ यह बात शारदा यूनिवर्सिटी, दिल्ली के इकोनॉमिक्स प्रोफेसर डॉ. मृदुल धारवाल ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय और बेसिक पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ‘नवाचार एवं उद्यमिता- सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी परिप्रेक्ष्य’ विषयक अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन शुक्रवार को आयोजित प्रथम सत्र में अध्यक्षता करते हुए कही। डॉ. मृदुल ने कहा कि नवाचार किसी भी देश के आर्थिक विकास का आधार है। युवाओं को इस और विशेष ध्यान देना चाहिए।
वहीं समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते एनआईटी के डीन डॉ. उज्ज्वल कल्ला ने स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नए विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कान्फ्रेंस बीकानेर को नये आयाम प्रदान करेगी। कल्ला ने कहा कि आज यह समझने की आवश्यकता है कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के पीछे तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है। शैक्षिक डिजाइन और वितरण में नवाचारों एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. मीरा श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान तकनीकी प्रगति के उपयोग के साथ अभिनव शैक्षिक कार्यक्रमों के सृजन एवं कार्यान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है। जिसका व्यापक प्रसार परिवर्तन की अपार संभावनाएं लिए हुए है।
सेमिनार संरक्षक रामजी व्यास ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन विनय कुमार हर्ष ने किया। कॉन्फ्रेन्स संयोजक एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने सेमिनार की दो दिन हुए सत्रों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में वैश्विक विचारधाराओं और अनुभवों को एकजुट करना था।
आयोजन सचिव डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली ने बताया कि सेमिनार के दूसरे दिन 3 सत्रों का आयोजन किया गय। प्रथम सत्र की अध्यक्षता एमजीएस यूनिवर्सिटी के प्रो. अनिल कुमार छंगाणी ने। वही को-चेयर अरावली कालेज के प्रो संजय शास्त्री थे। सत्र में दिल्ली के शारदा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मृदुल धारवाल, डॉ वाई बी माथुर व डॉ वी एस राठौड़ ने व्याख्यान दिया।सेमिनार के सह-समन्वयक डॉ रविन्द्र मंगल ने बताया कि सेमिनार में दूसरे सत्र में डॉ. शिवराम सिंह ने सेंशन की अध्यक्षता की। एमएस कॉलेज की प्राचार्य डॉ अभिलाषा आल्हा ने कॉ चेयर की भूमिका निभाई। इस सत्र में हरीश बी शर्मा तथा मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. चक्रवती नारायण श्रीमाली ने व्याख्यान दिया। वहीं रामपुरिया लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अनंत नारायण जोशी ने विचार रखे।
सेमिनार के दूसरे सत्र की अध्यक्षता डूंगर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने सत्र की। मध्यप्रदेश के सागर विश्वविद्यालय के डॉ. मानवेन्द्र सिंह ने को चैयर की भूमिका निभाई। इस सत्र में डॉ. नरेन्द्र भोजक और देव अरस्तु ने व्याख्यान दिया। ऑनलाइन के माध्यम से लंदन से विषय विशेषज्ञ डॉ. ओम कुमार हर्ष ने अपने विचार रखे। तीसरे सत्र में पूर्व प्राचार्य डॉ. राकेश हर्ष ने अध्यक्षता की ओर डॉ. शिशिर शर्मा ने को-चेयर की भूमिका निभाई। वहीं सीए सुधीश शर्मा और मनोज बजाज ने व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि मंजू नैन गोदारा थी। एस्किन सॉफ्टवेयर के कीर्तिमान लोढ़ा ने विशेष व्याख्यान दिया। उत्कृष्ट पेपर प्रजेन्टेशन वाले शोधार्थियों का सम्मान किया गया।

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