Sat. Jul 12th, 2025

NEWS BHARTI BIKANER ; – बीकानेर, 30 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की संवेदनशील पहल पर प्रदेश के पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पशुधन हानि होने पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना’ का शुरू की गई है। इसके लिए पशुपालकों द्वारा 31 जनवरी तक आवेदन किया जा सकता है। इसके अंतर्गत प्रथम चरण में 5-5 लाख दुधारु गाय अथवा भैंस, 5-5 लाख भेड़ अथवा बकरी तथा 1 लाख उष्ट्र वशीय पशुओं का बीमा किया जाएगा। इस योजना में 400 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। प्रत्येक पशुपालक तक इसकी जानकारी पहुंचाने के प्रयास किए गए हैं। योजना के तहत अब तक जिले के 35 हजार से अधिक पशुओं का पंजीकरण करवाया जा चुका है।
योजना के तहत प्रदेश के सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होंगे। पशुपालकों को बीमा विभाग के ऐप पर आवेदन करना होगा। वर्तमान में इसके लिए आवेदन शुक्रवार तक किया जा सकेगा। बीमा के लिए लॉटरी द्वारा पशुपालकों का चयन किया जाएगा। प्रदेश के गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक पशुपालक और लखपति दीदी पशुपालकों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी। अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए क्रमशः 16 और 12 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य है। चयनित पशुपालक के अधिकतम 2 दुधारू पशु (गाय, भैंस अथवा दोनों) या 10 बकरी / 10 भेड़ / 1 उष्ट्र वंश पशु का निःशुल्क बीमा किया जाएगा। यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जो किसी अन्य योजना के तहत बीमित नहीं हो।
यह बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा और पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार किया जायेगा। बीमा की अधिकतम राशि 40 हजार रुपये होगी। बीमा के लिए गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष और भैंस की 4 से 12 वर्ष होनी चाहिए। इसी प्रकार बकरी और भेड़ की उम्र 1 से 6 वर्ष जबकि ऊंट की उम्र 2 से 15 वर्ष होनी चाहिए। योजना का क्रियान्वयन ट्रस्ट मोड पर राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जाएगा। पशुपालन विभाग नोडल विभाग होगा। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग (साधारण बीमा) विभाग चयनित पशुपालकों के पशुओं का बीमा कराने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत और राजस्व ग्राम के लिए तिथिवार कार्यक्रम निर्धारित करेगा। जिसकी सूचना पशुपालकों को एसएमएस या अन्य माध्यम से दी जाएगी।

अब तक हुआ इतना पंजीकरण
संयुक्त निदेशक डॉ. चौधरी ने बताया कि जिले में अब तक 25 हजार 624 दुधारू गोवंश, 4 हजार 60 दुधारू भैंस, 3 हजार 34 बकरी, 2 हजार 29 भेड़ तथा 421 ऊंटों सहित कुल 35 हजार 168 पशुधन के लिए पंजीकरण करवाया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *