news bharti bikaner ; –बीकानेर में आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर खत्री मोदी समाज द्वारा एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में समाज की 251 विशिष्ट महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा, जिसमें मिस बीकानेर, मिसेज बीकानेर और समाजसेवी मातृशक्ति शामिल हैं। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण कांता आहूजा को ‘बेस्ट मातृत्व अवार्ड’ से नवाजना होगा, जिन्होंने अपने मातृत्व के अद्वितीय उदाहरण से समाज में प्रेरणा फैलाई है।
सम्मान समारोह का आयोजन
8 मार्च को होटल वृंदावन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूनम मोदी करेंगे। समारोह में 251 महिलाओं को उनके विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को सराहने का एक प्रयास है, जो अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेगा।
कांता आहूजा का संघर्षमय जीवन
कांता आहूजा का जीवन संघर्ष और समर्पण की मिसाल है। उनका बेटा मात्र 3 महीने का था जब डीपीटी के इंजेक्शन के रिएक्शन के कारण उसका मानसिक विकास रुक गया। आज 27 साल बाद भी उनका बेटा मानसिक रूप से एक बच्चे जैसा ही है। वह न बोल सकता है, न सुन सकता है, न अपनी जरूरतें व्यक्त कर सकता है। कांता आहूजा ने अपने बेटे की देखभाल को ही अपना जीवन समर्पित कर दिया है, बिना किसी शिकायत के।
सरकारी नौकरी का त्याग
इस बीच, कांता आहूजा का चयन एक सरकारी पद के लिए हुआ था, लेकिन उन्होंने इस नौकरी को स्वीकार नहीं किया। उनका मानना था कि यह नौकरी उन्हें उनके परिवार और विशेष रूप से उनके बेटे से दूर कर देगी। उन्होंने अपने बेटे की सेवा को ही अपना धर्म और भगवान माना, और उसकी देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मातृत्व की पराकाष्ठा
कांता आहूजा का कहना है कि वह अपने बेटे के चेहरे को देखकर उसकी जरूरतों को समझ लेती हैं। उनकी यह मातृत्व भावना और समर्पण समाज के लिए एक प्रेरणा है। वह ईश्वर से यही प्रार्थना करती हैं कि उनकी मृत्यु से पहले उनके बेटे की देखभाल का कोई उचित प्रबंध हो जाए। कांटा आहूजा हमें सिखाती है कि सच्चा मातृत्व क्या होता है न्यूज़ भारती की पूरी टीम की तरफ से उन्हें सलाम उनका अपने बच्चों के प्रति प्यार प्रेम समर्पण और त्याग नारी शक्ति को पहचान और सराहनै की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है
समाज के लिए संदेश
कांता आहूजा की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चा मातृत्व क्या होता है। यह सम्मान न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी माताओं के लिए है जो अपने बच्चों के लिए हर कठिनाई का सामना करती हैं। खत्री मोदी समाज का यह कदम समाज में महिलाओं के योगदान को पहचानने और सराहने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
8 मार्च को होने वाला यह सम्मान समारोह न केवल महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव होगा, बल्कि समाज में उनके योगदान की पहचान और सराहना का प्रतीक भी होगा। कांता आहूजा जैसी महिलाओं की कहानियां हमें प्रेरित करती हैं और यह सिखाती हैं कि समर्पण, त्याग और प्रेम की शक्ति क्या कर सकती है।