प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 76 फिसदी रेटिंग के साथ एक बार फिर से दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता बने हैं। अमेरिका स्थित कंसल्टेंसी फर्म मॉर्निंग कंसल्ट ने ये आकड़ा जारी किया है। अमेरिका स्थित कंसल्टेंसी फर्म के ‘ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर’ के मुताबिक, भारत में 76 फीसद लोग प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं, जबकि 18 फीसद लोग इससे सहमत नहीं हैं। वहीं, छह फीसद लोगों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं, इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मैलोनी का भी नाम है।
पीएम मोदी ने सबको छोड़ा पीछे
मोर्निंग कंसल्ट की रेटिंग में पीएम मोदी के बाद दूसरे नंबर पर 66 फीसदी की अप्रूवल रेटिंग के साथ मैक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेज़ मैनुएल लोपेज ओब्राडोर है। वहीं तीसरे नंबर पर रहे स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट को 58 फिसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है। साथ ही चौथे नंबर पर ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को 49 परसेंट रेटिंग मिली है। पांचवे नंबर पर 47 प्रतिशत रेटिंग के साथ ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज है।
बता दें कि 29 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच इकठ्ठा किए गए आंकड़ों के मुताबिक यह सूची तैयार की गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सूची में आठवें स्थान पर हैं। वहीं, इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी 41 फीसद अप्रूवल रेटिंग के साथ छठें स्थान पर हैं। वहीं, बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू 37 फीसद अप्रूवल रेटिंग के साथ सातवें, अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी 37 फीसद अप्रूवल रेटिंग के साथ आठवें, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज 37 फीसद अप्रूवल रेटिंग के साथ नौंवे और आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वरादकर 36 फिसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ 10 वें नंबर पर हैं।दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने कहा है कि इंटरनेशनल सर्वे ने भी ‘मोदी की गारंटी’ और ‘मोदी मैजिक’ का समर्थन किया है। आज पूरा विश्व समस्याओं के समाधान के लिए पीएम मोदी की ओर देखता है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद इंटरनेशनल सर्वे ने भी मोदी की गारंटी और मैजिक का समर्थन किया है। कोविड 19 जैसे वैश्विक संकट के बीच भी मोदी ने अपनी शीर्ष रैंकिंग रखी, जबकि उस समय कई वैश्विक नेताओं की लोकप्रियता में गिरावट आई थी। पीएम मोदी की शीर्ष अप्रूवल रेटिंग 2024 के लोकसभा चुनाव में भी अपना असर दिखाएगी।