सात में से पहली बार छह सीट जीतने से जिले की मंत्रिमंडल में दावेदारी मजबूत। जिस तरह पहली बार निर्वाचित विधायक भजनलाल शर्मा को पार्टी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान सौंपी है, इससे मंत्रिमंडल को लेकर भी चौंकाने वाले फैसले होने के कयास लगने लगे हैं।

नए चेहरों को मौका मिलने से सभी विधायक मंत्री की दौड़ में
प्रदेश में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के नामों की घोषणा के बाद अब मंत्रिमंडल में स्थान पाने वाले मंत्रियों के नामों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। अभी तक अनुभवी और एक से अधिक बार जीतकर विधानसभा पहुंचे भाजपा विधायकों को ही इस दौड़ में माना जा रहा था।

परन्तु जिस तरह पहली बार निर्वाचित विधायक भजनलाल शर्मा को पार्टी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान सौंपी है, इससे मंत्रिमंडल को लेकर भी चौंकाने वाले फैसले होने के कयास लगने लगे हैं। इस लिहाज से कुल सात में से छह सीटें पार्टी की झोली में डालने वाले बीकानेर जिले से दो मंत्री बनाए जा सकते हैं।
ताजा हालात पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीकानेर जिले के छह विधायकों में से किसी को भी मंत्री बनाया जा सकता है। प्रदेश में मंत्रिमंडल के लिए वर्गवार समीकरण साधने के लिहाज से मौका मिल सकता है।

ओबीसी वर्ग से सुमित गोदारा, एससी वर्ग से डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, संघ पृष्ठभूमि से जुड़े जेठानंद व्यास, महिला वर्ग से सिदि्ध कुमारी, युवा के रूप में अंशुमान सिंह भाटी, संगठन के अनुभव और सामान्य वर्ग से ताराचंद सारस्वत में से किसी को भी मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।
सिदि्ध, सुमित और विश्वनाथ आगे
चौथी बार विधायक बनने के चलते सिदि्ध कुमारी को मंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। तीसरी बार विधायक बनने और संसदीय सचिव के रूप में कार्य का अनुभव होने के चलते डॉ. विश्वनाथ मेघवाल और दूसरी बार जीतने वाले सुमित गोदारा भी दौड़ में हैं