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बीकानेर, 20 दिसंबर। मानसिक स्वास्थ्य कानून एवं नीति के तहत आत्महत्या रोकथाम के लिए जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू हुआ।
रवींद्र रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में संभागीय आयुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी, जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि और बीकानेर विकास प्राधिकरण सचिव अपर्णा गुप्ता, अतिरिक्त कलेक्टर (नगर) रमेश देव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्रशिक्षण में कोचिंग संस्थाओं के काउंसलर, अध्यापक, अभिभावक और विद्यार्थियों ने भागीदारी निभाई। नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. अनिंदिता भट्टाचार्य और डॉ. सुवर्णा जोशी ने आत्महत्या और इससे बिंदुओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों पर आवश्यक मानसिक दवाब नहीं बनाया जाए। उनके व्यवहार में आए बदवाल पर नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि इसमें शिक्षक और अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने विभिन्न मनोवैज्ञानिक परिस्थितियों के बारे में बताया और आंकड़ों के माध्यम से आत्महत्या की स्थिति साझा की। उन्होंने योग, प्राणायाम और ध्यान की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। पहले दिन विभिन्न सत्र आयोजित हुए। वक्ताओं ने ऐसे प्रयासों को उपयोगी बताया और कहा कि ऐसे प्रयासों के सार्थक परिणाम आएंगे। इस दौरान प्राथमिक चिकित्सा कौशल का बुनियादी ज्ञान और हेल्पलाइन की जानकारी दी गई। कार्यशाला के दूसरे दिन निजी और सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ने वाले 16 से 21 वर्ष तक के विद्यार्थी भागीदारी निभाएंगे।

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