सरकार बदलने की बदलेगी परंपरा
चित्तौड़गढ़ की सभा में प्रियंका ने कहा कि राजस्थान में इस बार सरकार बदलने की परम्परा बदलेगी। राज्य की सरकार के कामों की बदौलत यहां फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी। महंगाई को लेकर कहा कि भाजपा शासित राज्यों में सिर्फ चुनाव के वक्त महंगाई कम होती है। राजस्थान में महंगाई राहत कैम्प लगाए और राज्य सरकार ने केन्द्र की आफत से लोगों को बचाए रखा। अब लोग विकास की राजनीति चाहते हैं। अर्जुन और मछली की आंख का उदाहरण देकर कहा कि लोग भी अपना ध्यान विकास, शिक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों पर केन्द्रित रखें। कांग्रेस और भाजपा सरकारों के कामकाज की तुलना के बाद निर्णय करें।
सागवाड़ा/चित्तौड़गढ़. प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर केन्द्रीय नेताओं के तूफानी दौरे शुरू हो गए हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार को डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़ जिले के दौरे पर रहीं और क्षेत्र की करीब 16 विधानसभा सीटों को साधने का प्रयास किया। उन्होंने भाजपा पर चुनाव के दौरान धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा बिखरी हुई पार्टी है। पीएम के पास सीएम चेहरा नहीं है, इसलिए प्रदेश के कोने-कोने में घूमकर सीएम का चेहरा ढूंढ़ रहे हैं। उन्हें अपने नेताओं पर ही विश्वास नहीं है। प्रदेश के बड़े नेताओं का साइडलाइन कर अपने नाम पर वोट मांग रहे हैं। क्या प्रदेश मोदी चलाने आएंगे।
पिछले दौरे में भी इसी मुद्दे को उठाया था। वे पानी और पेट्रोल-डीजल पर वैट में कमी को लेकर कुछ नहीं बोली, लेकिन राज्य सरकार के काम की पड़ोसी मध्य प्रदेश सरकार के काम से तुलना कर राजस्थान सरकार की तारीफ की।
उन्होंने लोगों से वोट मांगने नहीं, जागरूकता मांगने की बात कहते हुए भाजपा के झांसे में नहीं आने की अपील की। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे।
प्रियंका ने सागवाड़ा में राहुल की तरह अडानी पर हमला बोला और कहा देश का किसान एक दिन में 27 रुपए कमाता है, लेकिन मोदी ने अपने दोस्त अड़ानी को देश की सारी संपत्ति दे रखी है, वे एक दिन में 16 हज़ार करोड़ रुपए कमा रहे हैं।
गांधी ने दो जिलों में सभाएं कर करीब 16 विधानसभा सीटों को साधने का प्रयास किया। डूंगरपुर के सागवाड़ा क्षेत्र में 11 विधानसभा सीटों तथा चित्तौड़गढ़ की करीब 5 सीटों को साधा।
इन पर चुप्पी
प्रियंका ने अपने भाषण में ईआरसीपी, रिफाइनरी, हर घर नल से पानी, पेट्रोल-डीजल पर वैट में कमी और कृषि जिंसों का लाभकारी मूल्य जैसे मुद्दों को नहीं छुआ।