बीकानेर, 26 सितंबर। जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति की बैठक गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई।
इस अवसर पर आरबीआई के जिला विकास अधिकारी श्री विध्यांचल सिंह ने कहा कि जिले में कार्यरत समस्त बैंकों व केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारी आपसी समन्वय से सरकारी योजनाओं में ऋण आवेदन, स्वीकृति और वितरण से जुड़े कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से करें। उन्होंने बैंकों की जमा, निकासी और ऋण वितरण की स्थिति की समीक्षा की और कहा कि अधिक से अधिक लोगों को वित्तीय साक्षरता और समावेशन से जोड़ा जाए।
इस दौरान मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन, प्रधानमंत्री स्व निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड, इंदिरा गांधी महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्व-रोजगार, मुख्यमंत्री युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना सहित अन्य योजनाओं की प्रगति चर्चा की गई।
अग्रणी जिला प्रबंधक यदुनंदन नारायण व्यास ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा भेजी गई लोन पत्रावलियों को बैंकों द्वारा निर्धारित समयबद्धता के साथ निस्तारित किया जाए। इन आवेदनों को अनावश्यक रूप से लम्बित ना रखें। बैंक अधिकारी लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए सर्तकता एवं सावधानी के साथ कार्य करें। समुचित कारण होने पर ही लोन अस्वीकृत किया जाए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल अवेयरनेस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फाइनेंस लिटरेसी कैंप लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि डीएलसीसी बैठक में सभी बैंकों के जिला समन्वयक ही मौजूद रहे।
बैठक के दौरान डिजिटल साइबर फ्रॉड के प्रति आमजन को जागरूक करने संबंधी विचार विमर्श भी हुआ। पेमासर सरपंच तोलाराम कूकना ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बैंकिंग जागरूकता गतिविधियों से ग्रामीणों में जागरूकता आई है। नाबार्ड के डीडीएम रमेश तांबिया ने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। इस दौरान जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र की महाप्रबंधक मंजू नैन गोदारा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के डॉ. अरविंद आचार्य सहित विभिन्न विभागों और बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।