लोकसभा चुनाव करीब है और विपक्षी दलों के अलायंस I.N.D.I.A. को लेकर पेंचीदगी कम नहीं हो रही हैं। गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीट शेयरिंग, पीएम फेस और संयोजक घोषित करने की है। दूसरी तरफ अंदरखाने की कलह भी शांत नहीं हो रही है। इस बीच, सहयोगी पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी गठबंधन की इमेज को लगातार डैमेज कर रही है।

पहले डीएमके नेता उदयनिधि के सनातन को लेकर विवादित बयान चर्चा में रहे। अब डीएमके से ही सांसद दयानिधि मारन की यूपी और बिहार के लोगों के लिए अमर्यादित टिप्पणी ने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है। जानकार इसे हिंदी बेल्ट में इंडिया गठबंधन के नुकसान से जोड़कर देख रहे हैं। बता दें कि हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। इनमें कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। पार्टी को राजस्थान और छत्तीसगढ़ से सत्ता गंवानी पड़ी है। मध्य प्रदेश में भी उसे हार मिली है। सिर्फ तेलंगाना में कांग्रेस ने पहली बार सरकार बनाई है। इसके कई फैक्टर गिनाए जा रहे हैं। सत्तारूढ़ राज्यों में एंटी इन्कंबेंसी के साथ-साथ कांग्रेस के सहयोगी दल डीएमके नेता के बयानों को भी एक वजह माना जा रहा

हाल ही में डीएमके सांसद दयानिधि मारन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दयानिधि कहते दिख रहे हैं कि यूपी और बिहार से तमिलनाडु आने वाले हिंदी भाषी निर्माण कार्य करते हैं या सड़कों और शौचालयों की सफाई करते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी वाले आईटी कंपनियों में चले जाते हैं, जबकि हिंदी वाले छोटी-मोटी नौकरियां करते हैं। ये वीडियो 2019 का बताया जा रहा है। बीजेपी ने इस वीडियो को लेकर डीएमके और इंडिया ब्लॉक को निशाने पर लिया है।
उदयनिधि के बयानों ने बढ़ा दी थी टेंशन
इससे पहले पांच राज्यों में चुनाव से पहले तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन विरोधी बयान चर्चा में रहे हैं। उदयनिधि के बयान पर डैमेज कंट्रोल हो पाता, उससे पहले ही कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम (पी. चिदंबरम के बेटे) और प्रियांक खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे) ने उदयनिधि के बयान का समर्थन करके अपनी ही पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी थीं।
कार्ति और प्रियांक ने भी किया था समर्थन
कार्ति ने कहा था कि सनातन धर्म एक कास्ट हायरार्कियल सोसायटी के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। इसके लिए बैटिंग करने वाले सभी अच्छे पुराने दिनों के लिए उत्सुक हैं। जाति भारत का अभिशाप है। कार्ति ने आगे कहा कि तमिलनाडु में आम बोलचाल की भाषा में सनातन धर्म का अर्थ पदानुक्रमित समाज है। ऐसा क्यों है कि हर कोई जो सनातन धर्म के लिए बल्लेबाजी कर रहा है, वह विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग से आता है, जो पदानुक्रम के लाभार्थी हैं। वहीं, कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा था कि कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता, मानव की गरिमा सुनिश्चित नहीं करता- वह धर्म नहीं है। जो धर्म समान अधिकार नहीं देता या इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता, वह बीमारी के समान है

आम चुनाव को लेकर अलर्ट है कांग्रेस लीडरशिप
चूंकि दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में कांग्रेस, सत्तारूढ़ डीएमके की सहयोगी पार्टी है। इतना ही नहीं, डीएमके ने तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया था। इसके अलावा, इंडिया अलायंस में भी डीएमके सहयोगी पार्टी के रूप में शामिल है। इस अलायंस में कांग्रेस समेत 28 पार्टियां हैं। लेकिन, अचानक साउथ के राज्यों से सनातन विरोधी आवाज से कांग्रेस लीडरशिप की भी टेंशन बढ़ गई है। पार्टी के रणनीतिकारों को भी लग रहा है कि यह विवादित बयान लोकसभा चुनाव में वोटर्स को प्रभावित ना करें।