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लोकसभा चुनाव की जोर-शोर से चल रही तैयारियों के बीच बीजेपी की मंगलवार (16 जनवरी) को अहम बैठक हुई। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में सभी 543 लोकसभा सीट पर प्रचार अभियान की रूपरेखा पेश की गई। 

बैठक में पहली बार के वोटरों, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), युवाओं और महिलाओं को साधने की रणनीति पर भी जोर दिया गया।

अमित शाह ने क्या कहा?

पार्टी महासचिव विनोद तावड़े ने बताया कि 300 से अधिक नेताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए काम किया और उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत का वैश्विक कद कई गुना बढ़ा है।

पार्टी नेताओं से सरकार की कई सफलताओं के साथ मतदाताओं तक पहुंचने का आह्वान करते हुए अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के विचार के इर्द-गिर्द देश को केंद्रित किया है जबकि इस दौरान सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को भी बड़ा बढ़ावा मिला है। अमित शाह का यह बयान ऐसे समय आया है जब अयोध्या में राम मंदिर उद्गघाटन को लेकर देश में एक माहौल बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत को एक बड़ी शक्ति बनाने की दिशा में काम कर रही है

जेपी नड्डा ने क्या कहा ; –

जेपी नड्डा ने अपनी टिप्पणी में नेताओं से देश भर में पार्टी का और विस्तार सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नेताओं को यह देखना चाहिए कि पार्टी को उन राज्यों में अधिक सीट पर जीत हासिल हो, जहां 2019 में उसे सीमित सफलता मिली थी। दक्षिण भारत, बंगाल और बिहार आदि को लेकर बूथ स्तर तक विशेष रणनीति बनाई गई है।

यह संकेत देते हुए कि बीजेपी अन्य दलों के नेताओं का स्वागत करना चाहती है, नड्डा ने कहा कि वह उन लोगों से मदद लेने को तैयार है जो राष्ट्रवादी मुख्यधारा का हिस्सा बनना चाहते हैं। तावड़े ने कहा कि बैठक में पार्टी नेताओं ने 2019 के चुनावों के कार्यक्रम के अनुसार अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अभी से तैयारियों की उलटी गिनती शुरू कर दी है।

उन्होंने कहा कि हम न केवल बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे बल्कि अपने सहयोगियों की भी जीत सुनिश्चित करेंगे, जहां से वे चुनाव लड़ेंगे। पार्टी नेता विभिन्न मतदान समूहों से जुड़ने के लिए गांव चलें अभियान के हिस्से के रूप में गांवों में जाएंगे।

बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने की खातिर हाल में कई बैठकें की हैं क्योंकि पार्टी पीएम मोदी को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

पार्टी के भीतर एक राय है कि वह अनुकूल माहौल के बीच अपनी जीत को दोहराने के लिए अच्छी स्थिति में है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह, हालिया विधानसभा चुनावों में इसकी बड़ी जीत और विपक्षी खेमे में बिखराव शामिल है।

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