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बीकानेर 22 जून। अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस जन जागरूकता पखवाड़ा के तहत शनिवार को पीबीएम अस्पताल के मानसिक रोग एवं नशा मुक्ति विभाग व व्यसन उपचार केन्द्र में जिला क्षय व एडस कन्ट्रोल अधिकारी डॉ. चन्द्र शेखर मोदी द्वारा कोटपा एक्ट के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने इस कानून की चार धाराओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक्ट की धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है तथा धारा 5 के तहत तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध हैं। इसी प्रकार धारा 6 (क) के तहत 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को तम्बाकू उत्पादों की ब्रिकी पर प्रतिबंध तथा धारा 6(ख) के तहत शिक्षा संस्थान के 100 यार्ड के भीतर तंबाकू उत्पादों की ब्रिकी दंडनीय है।
विभाग के आचार्य एंव विभागाध्यक्ष डॉ श्री गोपाल गोयल ने बताया कि गत 10-15 सालों में नशे की समस्या बढ़ी है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू में मौजूद निकोटीन अत्यधिक नशे की लत है और नशे का उपयोग हद्वय और श्वसन संबंधी बीमारियों का मुख्य कारण है। इसके अतिरिक्त 20 से अधिक विभिन्न प्रकार के कैंसर या उपप्रकारों तथा कई अन्य दुर्बल करने वाली स्वास्थ्य स्थितियों के लिए एक प्रमुख कारण है। उन्होंने तम्बाकू सेवन के दुष्परिणाम के बारे में बताया और कहा कि तम्बाकू के सेवन से मुख, गला, फेफडा, खाद नली, गुर्दे आदि स्थानों में कैंसर पैदा कर सकते है। विभाग के आचार्य डॉ. हरफूल सिंह ने सार्वजनिक स्थान पर तम्बाकू को रोकने तथा तम्बाकू से होने वाले नुकसान के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम में विभाग के समस्त अधिकारी, रेजिडेन्ट डॉक्टर्स, नर्सिंग अधिकारी, स्टाफ, मरीज एवं मरीज के परिजन उपस्थित थे।