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मोदी सरकार की ओर से भारत रत्न पुरस्कार की घोषणा के बाद कांग्रेस और बीजेपी में बयान बाजी जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से भारत रत्न पुरस्कार को लेकर बड़े सवाल खड़े किए गए। इसको लेकर राजधानी जयपुर के हवा महल विधायक बालमुकुंदा आचार्य ने गहलोत को पलटवार कर जवाब दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, कि कांग्रेस भारत रत्न अपने ही प्रधानमंत्री को दिया करती थी। तब तो गहलोत ने कोई सवाल नहीं उठाया। लेकिन आज देश के विकास के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वालों को भारत रत्न दिया जा रहा है तो, गहलोत को तकलीफ हो रही है।

गहलोत की कोई सुनने वाला नहीं : बालमुकुंद

विधायक बालमुकुंद आचार्य ने गहलोत को जमकर आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, कि अशोक गहलोत की यह तकलीफ इसलिए भी ज्यादा बढ़ जाती है। क्योंकि उनकी पार्टी में उनको सुनने वाला कोई नहीं है। गहलोत की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खुद को कौरव बताते हैं और भारतीय जनता पार्टी को पांडव कहते हैं। अब ऐसे में अशोक गहलोत आलोचना करें तो किसकी करें, शिकायत करें तो किसकी करें। यह मजबूरी है अशोक गहलोत की। इस कारण से गहलोत इस तरीके के बयान देते हैं।

भारत रत्न को लेकर ये कहा था अशोक गहलोत ने

अशोक गहलोत ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा था, कि भारत सरकार द्वारा पांच विभूतियों को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हैं। इन विभूतियों के लिए हमारे दिल में अथाह सम्मान है एवं देश के लिए इनका योगदान अतुलनीय है। गहलोत ने आगे लिखा कि हालांकि ऐसा लगता है कि एक वर्ष में अधिकतम तीन भारत रत्न देने के नियम को तोड़कर आनन-फानन में भारत रत्न देकर इस सम्मान का चुनावीकरण एवं राजनीतिकरण किया गया है एवं सम्मान की गरिमा कम की गई है। मुझे नहीं लगता है कि इन निर्णयों से एनडीए को बहुत बड़ा लाभ मिल सकेगा।

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