Mon. Dec 23rd, 2024

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से राजस्थान के कोटा को पर्यटन के क्षेत्र में एक और सौगात मिलेगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने बूढ़ादीत के सूर्य मंदिर को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से चिन्हित किया है।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला – फोटो : सोशल मीडिया

 मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग को पत्र लिखकर इसके लिए डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का मानना है कि कोटा समेत संपूर्ण हाड़ौती क्षेत्र गौरवशाली विरासत से समृद्ध है। 

यह विरासत बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित कर सकती हैं, लेकिन इनके आस-पास मूलभूत सुविधाओं के विकास और इनको वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के लिए अब तक गंभीर प्रयास नहीं हो सके। इसको देखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय को कोटा-बूंदी के अनेक ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी देकर वहां विभिन्न योजनाओं के तहत विकास करवाने को कहा है। इसी के तहत बूढ़ादीत के सूर्य मंदिर को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है।

9वीं शताब्दी में बना था सूर्य मंदिर

कोटा से करीब 55 किमी दूर बूढ़ादीत में स्थित सूर्य मंदिर नागर शैली में बना हुआ है। यह एक हजार से अधिक वर्ष पुराना है। मंदिर का निर्माण किसने करवाया इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन ढलते हुए सूर्य के प्रतीक बूढ़-आदित्य के कारण ही इस जगह का नाम बूढ़ादीत पड़ा। नागर शैली में बना यह मंदिर झालरापाटन के सूर्य मंदिर से भी पुराना है। अभी इसका संरक्षण राजस्थान पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। मंदिर के पास एक कुंड भी है, जो उसी समय का है।

केशवरायपाटन मंदिर का भी हो रहा है विकास

ओम बिरला के प्रयासों से ही केशवरायपाटन स्थित भगवान केशवराय के मंदिर को भी धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं चंबल नदी के किनारे को भी रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका डीपीआर तैयार हो गया है, जल्द ही वहां काम शुरू हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *