स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
सोचिए… अगर कोई शिक्षिका खुद हिंदी के सही शब्दों को नहीं लिखना जानती हो तो बच्चों को क्या सिखाती होंगी। जयपुर के एक सरकारी स्कूल में ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे। चाकसू विधानसभा क्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय निमोड़िया पहुंचे शिक्षा मंत्री दिलावर ने स्कूल की क्लास रूम का निरीक्षण किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने एक टीचर से सौंदर्य और ब्रह्मचारिणी लिखने को कहा। टीचर दोनों ही शब्दों को सही नहीं लिख पाई। टीचर ने सौंदर्य को सोंदर्य और ब्रह्मचारिणी को ब्रहमचारिणी लिख दिया। बाद में एक स्टूडेंट ने आकर सही शब्द लिखे।
प्रिंसिपल को नहीं पता स्कूल में कितने बच्चे हैं
शिक्षा मंत्री स्कूल में पहुंचे तो बच्चे खुले मैदान में पढ़ते हुए नजर आए। मंत्री दिलावर ने प्रिंसिपल से अलग-अलग क्लास में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या पूछी तो प्रिंसिपल बच्चों की संख्या नहीं बता पाए। इस पर मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप किस बात के प्रिंसिपल हो जब आपको स्कूल में बच्चों के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं है। दिलावर ने स्कूल में स्टाफ का रजिस्टर चेक किया। बिना अनुमति के गायब रहने वाले शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब मांगने के निर्देश दिए।
बच्चों को पहाड़े नहीं आए तो शिक्षा मंत्री हुए नाराज
इससे पहले सुबह साढ़े 10 बजे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर सांगानेर पंचायत की एक सरकारी स्कूल में पहुंचे। वहां उन्होंने छोटे- छोटे बच्चों को जोड़, बाकी और पहाड़े पूछे। कई बच्चे जोड़, बाकी सही नहीं कर पाए और पहाड़े भी नहीं बोल पाए। इस पर शिक्षा मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए स्कूल के स्टाफ से शिक्षा के स्तर को सुधारने की बात कही। निरीक्षण के दौरान कुछ स्कूलों में टॉयलेट और बाथरूम गंदे पड़े मिले, जिस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए सुधारने के निर्देश दिए।
बच्चे बोले गुड मॉर्निंग, शिक्षा मंत्री बोले- जय सियाराम
एक सरकारी स्कूल में निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री स्कूल स्टाफ से मिलने के बाद कक्षा कक्ष में पहुंचे। उन्हें देखते ही कक्षा के बच्चे खड़े हुए और शिक्षा मंत्री को गुड मोर्निंग कहते हुए स्वागत किया। इस पर शिक्षा मंत्री ने जय सियाराम बोलकर बच्चों का अभिवादन स्वीकार किया। शिक्षा मंत्री ने बच्चों से खाने के बारे में पूछा तो बच्चों ने कहा कि उन्हें स्कूल में ही खाना मिलता है। इस पर शिक्षा मंत्री ने भी खाने की गुणवत्ता जांचने के लिए बच्चों के साथ बैठकर खाना खाया।

