Sun. Jul 13th, 2025

आलाकमान के साथ फरेब, सही फीडबैक न पहुंचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना

अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय, फीडबैक और सर्वे को दरकिनार करने की जिद हार का कारण रही।मैंने खुद भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, पहले बीकानेर से फिर सीएम के कहने पर भीलवाड़ा से, जिस सीट को हम 20 साल से हार रहे थे। लेकिन, ये नया प्रयोग नहीं कर पाए। बीडी कल्ला के लिए मैंने 6 महीने पहले ही बता दिया था कि वे 20 हजार से ज्यादा मत से चुनाव हारेंगे और वही हुआ। अशोक गहलोत ने इस तरह फैसले लिए गए कि विकल्प तैयार ही नहीं हो पाए। 25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी, जब आलाकमान के खिलाफ विद्रोह कर अवमानना की गई थी उसी दिन से शुरू हो खेल शूरू हो गया था।

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