पुष्करणा ब्राह्मण समाज का सामूहिक विवाह (सावा) 18 फरवरी 2024 को होगा। सामूहिक सावा भवानी शंकर-भवानी के नाम से तय हुआ है। सामूहिक सावे के दिन सैकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। सावे की सर्वश्रेष्ठ तिथि के निर्धारण को लेकर मंगलवार देर रात तक पंडितों, ज्योतिषाचार्यों, गणितज्ञों के मध्य हुई शास्त्रोक्त चर्चा में सावे के श्रेष्ठ मुहूर्त का निर्धारण किया गया।
मितव्ययिता और सादगी के लिए प्रसिद्ध पुष्करणा ब्राह्मण समाज का सामूहिक विवाह (सावा) 18 फरवरी 2024 को होगा। सामूहिक सावा भवानी शंकर-भवानी के नाम से तय हुआ है। सामूहिक सावे के दिन सैकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। सावे की सर्वश्रेष्ठ तिथि के निर्धारण को लेकर मंगलवार देर रात तक पंडितों, ज्योतिषाचार्यों, गणितज्ञों के मध्य हुई शास्त्रोक्त चर्चा में सावे के श्रेष्ठ मुहूर्त का निर्धारण किया गया। जस्सोलाई व्यास पार्क के पास िस्थत घेरुलाल महादेव मंदिर प्रांगण में सर्वप्रथम भगवान गणेश का पूजन हुआ। नारायण दास व्यास व मक्खन लाल व्यास ने यजमान रुप में पूजन कर्म संपन्न करवाया। परंपरानुसार राज ज्योतिषी राजेन्द्र कुमार आचार्य ने पुष्करणा सावे की संभावित तिथियों को शास्त्रोक्त चर्चा के लिए रखी। इन तिथियों पर समाज के पंडितों, ज्योतिषाचार्य, गणितज्ञों के मध्य गुण, दोष के आधार पर शास्त्रोक्त चर्चा के बाद सर्वसम्मति से 18 फरवरी 2024 को पुष्करणा सावा आयोजित करने का निर्णय लिया गया। पुष्करणा सामूहिक विवाह के मांगलिक कार्यक्रम हाथधान, गणेश परिक्रमा, जान, बरी व बालकों के यज्ञोपवीत संस्कार के मांगलिक कार्यक्रम हाथधान व गणेश परिक्रमा की तिथि की घोषणा परंपरानुसार धनतेरस के दिन होगी।
ये रहे मौजूद
शास्त्रोक्त चर्चा में जुगल किशोर ओझा, अशोक ओझा चौथाणी, राजेन्द्र किराडू, सुशील किराडू, अशोक ओझा नानकाणी, ललित ओझा, पंडित महेश , पंडित अशोक किराडू, योगेश ओझा सहित समाज के बुजुर्ग और युवा पंडित, ज्योतिषाचार्य, गणितज्ञ शामिल रहे। वहीं कीकाणी लालाणी व्यास जाति की ओर से नारायण दास व्यास, मक्खन लाल व्यास,बृजेश्वर लाल व्यास, शिव कुमार व्यास, गोपाल व्यास, गोरधन व्यास,मांगीलाल व्यास, गोपाल नारायण व्यास सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे। सावे की शास्त्रोक्त चर्चा को देखने व सुनने आए समाज के लोगों की सुविधा के लिए मंदिर के बाहर बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई।