Rajasthan Election Results 2023: बीकानेर संभाग में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि यहां सीटों का गणित नहीं बदला। जनता ने आंकड़ों में वर्ष 2018 वाली तस्वीर ही दोहरा दी है। विधानसभा में अपने अधिकतर प्रतिनिधियों के चेहरे बदल दिए, लेकिन सीटों के अद्भुत संतुलन का जनादेश दिया।
बीकानेर संभाग में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि यहां सीटों का गणित नहीं बदला। जनता ने आंकड़ों में वर्ष 2018 वाली तस्वीर ही दोहरा दी है। विधानसभा में अपने अधिकतर प्रतिनिधियों के चेहरे बदल दिए, लेकिन सीटों के अद्भुत संतुलन का जनादेश दिया। पिछले चुनाव में संभाग की कुल 24 सीटों में से कांग्रेस को 11, भाजपा 10 और अन्य को तीन सीटें मिली थी। इस बार श्रीकरणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन की वजह से 23 सीटों पर चुनाव हुए। इनमें से भी 11 पर कांग्रेस, 10 भाजपा और दो अन्य को जीत मिली है।दूसरी रोचक बात यह रही कि यहां से तीनों मंत्री और दिग्गज नेताओं को शिकस्त मिली है। कांग्रेस सरकार के तीनों कैबिनेट मंत्री बी.डी. कल्ला, भंवरसिंह भाटी और गोविंदराम मेघवाल को जनता ने नकार दिया। बीकानेर पश्चिम में भाजपा ने हिंदुत्व का कार्ड चला था। जो सफल रहा और दो दशक बाद यहां की जनता को विधायक के रूप में नया चेहरा मिला। दोनों ही दलों ने जहां भी नए चेहरे उतारे, जनता ने उन्हें हाथोंहाथ लिया है। सीट बदलकर तारानगर गए राजेंद्र राठौड़ को भी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस-भाजपा के मौजूदा 14 विधायक हार गए। चार का टिकट कट गया था। केवल पांच सीटिंग एमएलए अपनी नैया पार लगा पाए। तीसरी चौंकाने वाली बात यह है कि पीएम मोदी ने संभाग में तीन जगह सभाएं और रोड शो किए। इनमें से दो जगह तारानगर और पीलीबंगा में भाजपा हार गई। केवल बीकानेर में जीत मिली। बीकानेर जिले में जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के स्टार प्रचारकों की एक भी सभा नहीं हुई, वहां सीट भी एक नोखा ही मिली। यहां बीमार चल रहे रामेश्वर डूडी की पत्नी जीतीं।
नए बनाए जिलों के फायदे-नुकसान के हिसाब से देखें तो यहां अनूपगढ़ को जिला बनाने का कांग्रेस को जरूर फायदा मिला। अनूपगढ़ और रायसिंहनगर दोनों सीटें भाजपा से छीनने में कांग्रेस कामयाब रही। उधर, सूरतगढ़ को जिला नहीं बनाने का पुरजोर विरोध हुआ, लेकिन कांग्रेस यहां जातीय समीकरण साधने में सफल हो गई। यहां मूल ओबीसी वर्ग से माटी कला बोर्ड अध्यक्ष डूंगरराम गेदर जीत गए।बीकानेर संभाग हमेशा चौंकाता है। बीकानेर में भाजपा ने इसे जनता बनाम कांग्रेस का चुनाव बताया और सात में से छह सीटें हासिल की। वहीं श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू में कांग्रेस आगे रही।