अयोध्या. देश दुनिया में करोड़ों रामभक्तों की आस्था के केंद्र अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति को भव्य मंदिर में सुशोभित किए जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को करीब 16 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात देकर विकास के एक नए युग का सूत्रपात करेंगे। इससे पहले, राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने वाली रामलला की मूर्ति के चयन को लेकर शुक्रवार को पांच घंटे तक मंथन चला। बाल स्वरूप भगवान राम किस शिला के, किस रंग के व किस रूप के होंगे, इसके लिए वोटिंग करवाई गई। ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने एक, दो व तीन नंबर के क्रम में वोट दिए। हालांकि अंतिम निर्णय अभी बाकी है। बताया गया कि बैठक में चार ट्रस्टी मौजूद नहीं थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की सहमति भी बाकी है।
ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्टियों को कर्नाटक के अरुण योगीराज की श्याम शिला वाली मूर्ति ज्यादा भायी है। हालांकि, ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। रामलला की मूर्ति निर्माण के लिए नेपाल की गंडकी नदी समेत कर्नाटक, राजस्थान व उड़ीसा के उच्च गुणवत्ता वाले 12 पत्थर ट्रस्ट ने मंगाए थे। इन सभी पत्थरों को परखा गया तो राजस्थान व कर्नाटक की शिला ही मूर्ति निर्माण के लायक मिली। देश के तीन प्रसिद्ध मूर्तिकारों ने इन शिलाओं पर रामलला के बाल स्वरूप को जीवंत किया है।
मोदी अयोध्या में 15 हजार 700 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। श्रीराम की नगरी से देश के विभिन्न शहरों के लिए भी सौगातों का पिटारा खुलेगा। प्रधानमंत्री अलग अलग स्टेशनों से संचालित होने वाली छह वंदे भारत और दो अमृत भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। वह अयोध्या धाम जंक्शन और महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट राष्ट्र को समर्पित करेंगे। माता वैष्णो देवी कटड़ा-नई दिल्ली, अमृतसर-नई दिल्ली, कोयम्बटूर-बेंगलूरु, मेंगलूरु-मडगांव, जालना-मुंबई एवं अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल के बीच छह वंदे भारत ट्रेन के साथ ही अयोध्या-दरभंगा एवं मालदा टाउन-बेंगलूरु के बीच दो अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।