हर्षों के चौक में खेला गया डोलची मार पानी का खेल, रियासकाल से चल रही परम्परा,पानी की मार से ‘लाल’ हुई पीठ,हर्षों के चौक में खेला गया डोलची मार पानी का खेल, रियासकाल से चल रही परम्परा,
ये मारा…वो लगा…छपाक, सटाक…की करतल ध्वनि के साथ एक दूसरे की पीठ पर पानी से भरी डोलची का वार। पानी की मार से पीठ हुई लाल। थी तो यह लड़ाई।…