कोहरे व सर्दी से दैनिक दिनचर्या प्रभावित, अलाव ताप कर व गर्म कपड़े पहन सर्दी से कर रहे बचाव
शहर में कोहरे व सर्दी से आमजन की दिनचर्या प्रभावित होनी प्रारंभ हो गई है। हाड कंपाने वाली सर्दी से बचाव के लिए लोग कई जतन कर रहे है। घरों से गली-मोहल्लों और मुख्य मार्गों पर लोग अलाव ताप कर सर्दी से बचाव कर रहे है। वहीं गर्म कपड़े पहनकर भी सर्दी से बचाव का जतन किया जा रहा है। पशुओं को भी सर्दी से बचाने के प्रयास किए जा रहे है। सर्दी से बचाव के लिए घरों की रसोई में खाने-पीने के मेन्यू भी बदल गए है। खान-पान में उन वस्तुओं का अधिक उपयोग किया जा रहा है, जिनसे सर्दी से बचाव हो सके।
धूणों पर ताप रहे अलाव
शहर में सामान्यत: पाटों पर मध्यरात्रि तक लोगों की रौनक बनी रहती है। समसामयिक चर्चाओं के साथ देर रात तक गप-शप के दौर चलते रहते है। पाटों की रौनक अब धूणों पर बढ़ गई है। अलाव तापने के साथ तिल, गुड और मूंगफली से बनी खाद्य वस्तुओं के खाने के दौर भी चल रहे है। परकोटा क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर धूणों पर लोगों की रौनक बनी हुई है।
ये हुए मेन्यू में शामिल
सर्दी के कारण रसोइयों में उन खाद्य वस्तुओं का अधिक उपयोग होना शुरु हो गया है, जिनसे सर्दी से बचाव हो सके। बाजरा रोटी, फळी, फोफळिया, मूळी सब्जी, कढ़ी, गुड चावल, गुड राब, हलुआ का उपयोग हो रहा है। नाश्ते में गर्म पकौडों के साथ -साथ फीणी व दूध, गोंद, गिरी, बादाम, मेथी के लड्डू का उपयोग हो रहा है। बाजारों में गर्म जलेबी, कचौड़ी, समौसा, गर्म घेवर, दाल का हलुआ, गोंद पाक की बिक्री बढ़ गई है। वहीं केसर युक्त दूध-मलाई की कडाइयां भी लग चुकी है, जिन पर लोग गर्म दूध पी रहे है।
गर्म वस्त्रों की बिक्री बढ़ी
सर्दी बढ़ने के साथ ही शहर में गर्म वस्त्रों, कंबल, रजाइयों आदि की बिक्री बढ़ गई है। जगह-जगह लगे गर्म वस्त्रों के बाजार में खरीदार बढ़ रहे है। टोपी, स्वेटर, जैकेट, कोट, इनर स्वेटर, हाथ मोजे आदि की बिक्री बढ़ी है। सड़कों के किनारे लगी दुकानों पर बड़ी संख्या में कंबल, रजाइयों की बिक्री हो रही है। बच्चों के गर्म वस्त्रों की अधिक हो रही है।