NEWS BHARTI BIKANER ; –बीकानेर, 7 मार्च। नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष ने कहा कि जन्म मृत्यु पंजीयन से जुड़े विभाग जन्म-मृत्यु का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करें। इन विभागों के अधिकारियों द्वारा ऐसे प्रकरणों की गंभीरता पूर्वक मॉनिटरिंग की जाए।
नगर निगम आयुक्त ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जन्म मृत्यु पंजीयन के तहत जिला स्तरीय अंतर विभागीय समन्वय समिति की बैठक में यह निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को जिले में जन्म मृत्यु पंजीकरण बढ़ाने के लिए योजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र जारी होने में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाए। प्रमाण पत्र जारी करते समय समस्त मापदंडों का विशेष ध्यान रखा जाए।
उन्होंने शिक्षा विभाग को विद्यालयों में प्रवेश के दौरान विद्यार्थियों से जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्यतः लेने के निर्देश दिए। आशा सहयोगिनियों व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्रामीणों को जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन करवाने हेतु प्रेरित करने के साथ प्रक्रिया संबंधित अन्य जानकारी साझा करने को कहा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सरकारी व निजी अस्पतालों में जन्म मृत्यु संबंधित पंजीयन सूचना जांचने व लंबित प्रकरणों का निस्तारण करवाने के लिए कहा। साथ ही निर्देश दिए कि जन्म मृत्यु की घटनाओं को पहचान पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करें। उन्होंने पहचान पोर्टल एवं पीसीटीएस पोर्टल के डेटा में अनियमितता पाई जाने पर क्रॉस वेरिफिकेशन करवाने के निर्देश दिए।
जन्म और मृत्यु के नए नियम अनुसार सूचना में विलम्ब होने पर लगाई जाएगी पेनल्टी
नगर निगम आयुक्त ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण संशोधित नियम 2025 की अधिसूचना का प्रकाशन 7 फरवरी 2025 को राजस्थान राजपत्र में किया गया है। उन्होंने बताया कि संशोधन के अनुसार (नियम), यदि घटना की सूचना 21 दिवस पश्चात परंतु 30 दिवस के भीतर रजिस्ट्रार को दी जाती है, तो 20 रुपए विलम्ब शुल्क देय होगा। यदि घटना की सूचना 30 दिवस पश्चात परंतु एक वर्ष के भीतर दी जाती है, तो 50 रुपए विलम्ब शुल्क तथा सूचना 1 वर्ष पश्चात दिए जाने पर 100 रुपए विलम्ब शुल्क देय होगा। इसी प्रकार चिकित्सा संस्थानों के द्वारा जन्म-मृत्यु पंजीयन में 21 दिवस सें अधिक विलम्ब किए जाने पर अथवा सूचना समय पर नही देने पर पूर्व में 50 रुपए की पेनल्टी का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर अब 250 रुपए से अधिकतम 1000 रुपए की पेनल्टी का प्रावधान किया गया हैं।
बैठक में कोषाधिकारी धीरज जोशी, जिला रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु रोहिताश्व सूनिया, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक सुभाष बिश्नोई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।