श्री गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर श्री जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलाचंद सरस्वती महाराज ने उज्जैन में कहा कि देश हो या विदेश सभी पर दूर दिशाहीन व्यापारियों का कब्जा हो गया है। वे ही देश चला रहे हैं। नेताओं में कुछ कर गुजरने की क्षमता बची नहीं है। उन्होंने व्यापारियों को कामकाज सौंप दिया।
शंकराचार्य स्वामी निश्चलाचंद सरस्वती महाराज उज्जैन में इन दिनों तीन दिनों के प्रवास पर हैं। झालरिया मठ नरसिंह घाट पर आयोजित धार्मिक आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में एक प्रश्न का जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में दिशाहीन व्यापारी आ गए हैं। कोई भगवा धारण किए हुए भी मिल जाएगा, जो योगी बनकर आपको योग और मोक्ष समझाएगा और लूट लेगा। नेताओं की क्षमता कम होने के कारण यह स्थिति बनी है
कर्म का फल निश्चित है
एक सवाल के जबाव में शंकराचार्य ने कहा कि अगर आप प्रतिदिन धर्म आधारित धार्मिक क्रियाकलापों को करते हैं और फिर भी आपके जीवन में दु:ख है तो यह जरूर आपके किसी कर्म का फल है। जो बीज आपने आज बोया है, उसका फल बाद में मिलेगा, लेकिन जो पहले बो चुके हैं, उसका तो फल भोगना ही पड़ेगा। जीवन में कर्म फल तो निश्चित भोगना होता है शंकराचार्य जी ने कहा कि गीता प्रेस गोरखपुर की नित्य कर्मपूजा प्रकाश नामक पुस्तक से दिनचर्या व पूजन के बारे में समझने में मदद मिलेगी। राह भटकने की संभावना कम होगी। अगर जीवन भर धर्मविरोधी कार्यों में लगा व्यक्ति अंतिम समय में भगवत स्मरण करता है तो उसका मोक्ष निश्चित है। भगवत स्मरण के बाद व्यक्ति जो जाने-अनजाने पाप कर्म करता है। उनका पाप फिर बढ़ जाता है, लेकिन मृत्युशैया पर भगवत स्मरण कर रहे व्यक्ति को बाद में कुछ कर्म करने का मौका ही नहीं मिलता
पारंपरिक खेती की ओर आना पड़ेगा
अगर गोवंश बचाना है तो पारंपरिक खेती की ओर आना पड़ेगा, ताकि गाड़ियों और खेतों में बैल और दुग्ध उत्पादन में गायों की जरूरत बनी रहे। इनकी उपयोगिता बढ़ते ही कटाई स्वत: खत्म हो जाएगी। तंत्र मंत्र से जटिल रोगों का इलाज भी संभव है। उन्होंने कहा कि पूर्वजों की मुक्ति के लिए गरुड़ पुराण का पाठ साफ उच्चारण वाले ब्राह्मण से करवाना चाहिए।